एतिहाद से गोयल ने मांगी 750 करोड़ रुपये की तत्काल मदद, अगर नहीं मिली तो ”बंद” हो जाएगी जेट



जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने विमानन कंपनी की ”बेहद खतरनाक” स्थिति का हवाला देते हुए साझेदार कंपनी एतिहाद से 750 करोड़ रुपये की मांग की है।

नकदी संकट की वजह से जेट एयरवेज को करीब 50 से अधिक विमानों को परिचालन से बाहर करने के लिए बाध्य होना पड़ा है।

एतिहाद के सीईओ टोनी डगलस को लिखी गई चिट्ठी में गोयल ने कहा है कि उन्हें विमानन मंत्रालय की तरफ से जेट प्रिविलेज के शेयरों को गिरवी रख, अंतरिम फंडिंग जुटाने की मंजूरी मिल गई है।

लॉयल्टी प्रोग्राम जेट प्रिविलेज में जेट की 49.9 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि नियंत्रण हिस्सेदारी एतिहाद एयरवेज के पास है।

गौरतलब है कि जेट संकट की स्थिति पर विचार विमर्श करने के लिए एतिहाद के बोर्ड की आज अबू धाबी में बैठक हो रही है। जेट एयरवेज में एतिहाद की 24 फीसद हिस्सेदारी है।

8 मार्च को लिखी गई चिट्ठी में गोयल ने कहा है, ‘मैं अगले एक हफ्ते में आपसे 750 करोड़ रुपये की तत्काल मदद की उम्मीद में हूं, ताकि बैंकों की तरफ से दी जाने वाली मदद को जारी किया जा सके, जो समाधान योजना के मुताबिक है।’

14 फरवरी को जेट एयरवेज के बोर्ड ने समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी। इस योजना के तहत विमानन कंपनी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी कर्जदाताओं की होगी और इसके लिए उनके दिए गए कर्ज को इक्विटी में बदला जाएगा। कंपनी के शेयरहोल्डर्स इस योजना को 21 फरवरी को मंजूरी दे चुके हैं।

गोयल ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि अगर एतिहाद की तरफ से कंपनी को तत्काल मदद नहीं दी जाती है तो इससे कंपनी के भविष्य पर बुरा असर होगा और उसे ”बंद करने” की नौबत आ सकती है

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